नया साल है ,
पर नया क्या है ?
वहीँ पुराना इंसां तो होता है ...
चेहरे पे मुस्कान लिए
सबको मुबारकबाद कहता है ,
पर नया क्या है ...
वही सुबह
वही सूरज
वही इंसां
वही रोज का काम धंधा ,
सिर्फ तारीख बदली
पर इंसां नहीं बदला ,
बेहतर हो क़ि हर दिन को नया साल बनाया जाये
हर दिन नए सपने बुनें जायें
हर दिन नई आशा से भरा हो
हर दिन को जी भर के जियें
हर दिन को नया साल बनाएं ,
चलो सबको बतलाएं
हर दिन एक नया साल ले के आयें ...
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आपको और आपके परिवार को नव वर्ष मंगलमय हो!
ReplyDeletebehatareen kavita... behad sunder snadesh liye hue...
ReplyDeletenaye saal ki shubhkamnaon ke saath...
~sTaY HapPy~
dear friend...
Salutes to dis spirit.........
ReplyDeleteToday our youth needs this type of thinking...
So i hope everyone should have the same thinking.........
Beautiful..........beautiful poem
Once again salutes to the meaning of the poem.......