ये कैसी भीड़ है ॥
ख़ामोशी कोई नही समझता
चिल्लाओ तो भी कोई नही सुनता
सब साथ साथ चल रहे हैं
पर लगता है
साथ हो के भी कोई नही है साथ में
ये कैसी भीड़ है ...
जिसमें सिर्फ़ तन्हाई है ....
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Some thoughts...some imagination...some dreams..its about being ME !!!
भीड़ में हर एक तन्हां महसूस करता है
ReplyDeleteसभी तन्हां मिलकर भींड़ बन जाते हैं
भीड़ की तनहाई तो आपने देख ली
जो तन्हां हैं उनके दर्द को भी बयां करें...
tanhai me tanhai mehsus ki to kya kiya,mehfil me tanhai ka ehsaas ho to jane ,yehi to wo wakt he jo jattata he kon he apne kon begane he....
ReplyDelete