Saturday, December 5, 2009

भीड़

ये कैसी भीड़ है ॥
ख़ामोशी कोई नही समझता
चिल्लाओ तो भी कोई नही सुनता

सब साथ साथ चल रहे हैं
पर लगता है
साथ हो के भी कोई नही है साथ में
ये कैसी भीड़ है ...
जिसमें सिर्फ़ तन्हाई है ....

2 comments:

  1. भीड़ में हर एक तन्हां महसूस करता है
    सभी तन्हां मिलकर भींड़ बन जाते हैं
    भीड़ की तनहाई तो आपने देख ली
    जो तन्हां हैं उनके दर्द को भी बयां करें...

    ReplyDelete
  2. tanhai me tanhai mehsus ki to kya kiya,mehfil me tanhai ka ehsaas ho to jane ,yehi to wo wakt he jo jattata he kon he apne kon begane he....

    ReplyDelete

 
Dreams to Write :) ... - Free Blogger Templates, Free Wordpress Themes - by Templates para novo blogger HD TV Watch Shows Online. Unblock through myspace proxy unblock, Songs by Christian Guitar Chords