कहीं और का मुसाफिर हूँ
कहीं और ही चला आया हूँ...
जाने कहाँ तक जाऊंगा
किस मंजिल पर जाऊंगा और
और कौन मुसाफिर मिलेंगे इस राह पे
और कौन मुसाफिर मिलेंगे इस राह पे
कहीं उनकी भी कोई और मंजिल न हो जाए ...
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Some thoughts...some imagination...some dreams..its about being ME !!!
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