अभी वक्त नही हुआ है
वक्त नही हुआ है हारने का
कल का सवेरा बाकि है
आशा की एक किरण बाकि है मेरे दोस्त
चलते जायेंगे मंजिल की ओर
बिना थके बिना डरे
निडर और सच्चे बन कर जीते रहेंगे क्योंकि
आशा की एक किरण बाकी है मेरे दोस्त
मत विचलित हो पथिक
इन कठिन दुर्गम राहों में
लायेगा कल का सूरज एक मधुर उजाला क्योंकि
आशा की एक किरण बाकि है मेरे दोस्त
चलते जाना इस जीवन की राह में
फूल ओर कांटें मिलेंगे दोनों इस राह में
पर काँटों से न डरना मेरे दोस्त क्योंकि
आशा की एक किरण बाकि है मेरे दोस्त ....
वक्त नही हुआ है हारने का
कल का सवेरा बाकि है
आशा की एक किरण बाकि है मेरे दोस्त
चलते जायेंगे मंजिल की ओर
बिना थके बिना डरे
निडर और सच्चे बन कर जीते रहेंगे क्योंकि
आशा की एक किरण बाकी है मेरे दोस्त
मत विचलित हो पथिक
इन कठिन दुर्गम राहों में
लायेगा कल का सूरज एक मधुर उजाला क्योंकि
आशा की एक किरण बाकि है मेरे दोस्त
चलते जाना इस जीवन की राह में
फूल ओर कांटें मिलेंगे दोनों इस राह में
पर काँटों से न डरना मेरे दोस्त क्योंकि
आशा की एक किरण बाकि है मेरे दोस्त ....
ye kiran jab tak hai
ReplyDeleteujaale ki kami na hogi.............
badhaai .....
abhinav kavita !
Bhagwaan na kare, haar ne kaa kabhee waqt aaye..!
ReplyDeletehttp://shamasansmaran.blogspot.com
http://kavitasbyshama.blogspot.com
http://aajtakyahantak-thelightbyalonelypath.blogspot.com
http://shama-kahanee.blogspot.com
सुन्दर रचना....
ReplyDeleteचिट्ठाजगत में आपका स्वागत है.......भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनायें.
गुलमोहर का फूल
Picture abhi baki hai mere dost ..
ReplyDeleteVery promising lines full of optimism, my best wishes for a bright future.
ReplyDeleteYours thankfully
dr.bhoopendra
बहुत अच्छी रचना है
ReplyDeleteतेज धूप का सफ़र