एक पल में जीवन
या जीवन में एक पल ...
पल पल का जीवन,
आज कुछ
कल कुछ और...
हर सितारे को छू लूं मैं ,
हर राह पे चलूँ मैं ,
हर एक को साथ दूं मैं ...
हर राही के साथ चलूँ मैं ,
मैं हूँ क्या ,
वक़्त के हाथ की कठपुतली मात्र ,
या कुछ और भी हूँ ...
हवा का झोंका सा हूँ ...
बादल का टुकड़ा सा ,
झरने का बहते पानी सा ,
मैं हूँ एक प्यासी बूँद सा :)
Saturday, January 21, 2012
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bahut sundar aur pyari kavita, sa. :)
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