Saturday, October 17, 2009

....जिंदगी .....

जिन्दगी एक फूल है ,जो कभी खिलता है तो कभी मुरझाता है ।

जिन्दगी एक झरना है जो कभी बहता है तो कभी सूख जाता है

जिन्दगी एक गाड़ी है जो कभी चलती है तो कभी रुक जाती है

जिन्दगी एक सपना है जो कभी दिखाई देता है तो कभी टूट जाता है ,
जिन्दगी एक सूरज है जो कभी दिखता है तो कभी छुप जाता है

जिन्दगी एक मोसम है जिसमे कभी बसंत तो कभी पतझड़ आता है

जिन्दगी एक एहसास है जो मुझे बहुत बार,
तेरे न होते भी

तेरे होने का एहसास करवाता है ।

2 comments:

  1. सुन्दर लिखा है आपने
    आपको दीपावली की शुभकामनाये
    आप कल हमारे चर्चा ब्लॉग पर आमंत्रीत है

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  2. zindagi to ek soch he jo kisi ki buri to kisi ki anokhi he,
    zindagi ek hawaa ka jhoka he jo har wakty rukh badalti he,
    zindagi ek sawaal he kabhi suljha to kabhi sirf uljhan he,zindagi ek aisa ful he jisma kante zyada he,
    zindagi ek aisa zakham he jiska kabhi ilaaj he to kabhiu laailaj he,
    zindagi jab tak adhuri he jab saase ruk jaye to zindagi puri he,,,,,

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