Friday, August 14, 2009

चलो चलें : संस्कृति गीत


चलो चलें कि एक नया

आसमान पुकार रहा है हमें

चलो चलें की सपने सारे

पुकार रहे हैं हमें


चलो चलें कि रास्ते सारे

पुकार रहे हैं हमें

चलो चलें कि मंजिलें सारी

निहार रही हैं हमे


चलो चलें कि मानवता सारी

देख रही है हमें

चलो चलें कि करुना ,दया के

सपनों को रखना है जिन्दा हमें


चलो चलें कि हार न जाए

मानवता इस संसार में

चलो चलें कि आशा का एक दीपक

साथ हमारे है इस राह में


चलो चलें एक नए आयाम की ओर

एक नए आसमान की ओर

चलो चलें !!!

1 comment:

  1. Well just to say keep your this view to live the life going on.......

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