अजीब लम्हे ,
कुछ अजीब से रिश्ते ,
पल पल बदलती जिंदगी ...
हर पल बदलता इंसान ...
कुछ खोता सा ,
कुछ पाता सा ,
हर लम्हे में कुछ सिमटा सा ,
एक पल पल गुजर कर , लम्बी जिंदगी बनाता है ...
कुछ यादों को साथ लिए ,
हर पल इंसान बढ़ता ही रहता है ...
कुछ खता हुई , कुछ खोया गया ...
अगले पल ही कुछ पाया गया ...
कभी खुद को जाना,
कभी बहुत कुछ सिखा ...
पर आगे बढ़ना नही रुका ...
पल पल से दिन बने , दिन बन जाते हैं साल ...
बहुत कुछ सीखता इंसान ,
बढ़ता रहता है एक अनंत यात्रा पर ,
कभी रुका सोचने ,
क्या किया
क्यूँ किया
क्या हुआ
कैसा हुआ ,
पर ज्यादा नही सोच पाता ,
वक़्त कभी थमता नही ,
कभी रुका नही ,
कुछ अनसुलझे प्रश्न लिए भी ,
आगे बढ़ना ही होता है