Sunday, August 30, 2009
Book @life
Finally i have started writing my first book...dont know how to go but i just started. Let's see how it goes..have some story in mind...trying to write whatever comes in the mind... As it had been said that ,"A journey of thousand miles starts with a single step." i have taken the first step to start it .Let's see the journey to destination :)
जिंदगी
जिंदगी एक एहसास है
पावन सा निश्छल सा
ग़मों की फुल्झडियां हैं
खुशियों की बौछार है...
जिंदगी एक अहसास है
कभी न हारो,कभी न थको
चलते रहो अविचलित इस पथ पर
जिंदगी के साथ में
लिए हाथों को हाथ में
जो हैं अकेले उन्हें न भूलो
ले चलो उन्हें भी अपने साथ में
अंधकार से प्रकाश की ओर
उन्हें है जरुरत तुम्हारी
मत चलो अकेले इस सुहाने सफर में ...
जैसे ही चलोगे साथ में
झांकना अपने हृदय में
मिलेगा सकून इस काम से ...
चलते चलो चलते चलो
जिंदगी की पावन राह में ....
पावन सा निश्छल सा
ग़मों की फुल्झडियां हैं
खुशियों की बौछार है...
जिंदगी एक अहसास है
कभी न हारो,कभी न थको
चलते रहो अविचलित इस पथ पर
जिंदगी के साथ में
लिए हाथों को हाथ में
जो हैं अकेले उन्हें न भूलो
ले चलो उन्हें भी अपने साथ में
अंधकार से प्रकाश की ओर
उन्हें है जरुरत तुम्हारी
मत चलो अकेले इस सुहाने सफर में ...
जैसे ही चलोगे साथ में
झांकना अपने हृदय में
मिलेगा सकून इस काम से ...
चलते चलो चलते चलो
जिंदगी की पावन राह में ....
Belief !!!
I have never given up in life
i have always defeated ...
these circumstance and the false traditions of the society,
n i ll do the same in future...
i ll never be defeated and let be defeated
my heart ...
My Heart !
which gets confused sometimes,
puzzled sometimes
feels defeated by circumstances sometimes
but i know
whatever happen
The night may be the darkest ...a shining start is there
always there
m also like the same shining star
a Star having a lot of confidence
and having courage,braveness and unbreakable HOPE
n i ll go to the final destination
i have the belief...
the belief...
the belief...
आरजू ..
किसी अंधेरे कोने को
रोशन करने की आरजू है ...
किसी रोते हुए बच्चे को
हंसाने की आरजू है ...
किसी प्यासे पथिक को
पानी पिलाने की आरजू है ...
एक भूखे मुसाफिर को
खिलाने की आरजू है ...
अपनी जिंदगी से
क्यों इतनी आरजू हैं ,
अब जी लिए बहुत , ऐ दिल
थोड़ा सा मर जाने की आरजू है !!!
Wednesday, August 19, 2009
जब सारी दुनिया सोती है :)
जब रात को दुनिया सोती है ,
हम ऑफिस जाया करते हैं...
जब सारी दुनिया रोती है
हम गाना गाया करते हैं ...
वीरान नही सुनसान नही
पर लगता शमशान सा सन्नाटा ...
क्या सोचा था क्या निकला है
अब और करेगा क्या टाटा :)
कोई कांप रहा सर्दी से थर थर
उसके सर पे हम छाया करते हैं
जब सारी दुनिया सोती है
हम ऑफिस जाया करते हें
कोई बात करे न बात सुने
पर फ़ोन बजे तो हंगामा
जब कॉल चले सब ठीक ठाक
जब फ़ोन कटे फ़िर विराना ...
अब काम बचा क्या और लाइफ में
पिक्चर निपटाया करते हें ...
जब सारी दुनिया सोती है
हम ऑफिस जाया करते हैं
Copyright: Shashi & Jogi :)
Tuesday, August 18, 2009
Friday, August 14, 2009
मुसाफिर
कहीं और का मुसाफिर हूँ
कहीं और ही चला आया हूँ...
जाने कहाँ तक जाऊंगा
किस मंजिल पर जाऊंगा और
और कौन मुसाफिर मिलेंगे इस राह पे
और कौन मुसाफिर मिलेंगे इस राह पे
कहीं उनकी भी कोई और मंजिल न हो जाए ...
कहीं और ही चला आया हूँ...
जाने कहाँ तक जाऊंगा
किस मंजिल पर जाऊंगा और
और कौन मुसाफिर मिलेंगे इस राह पे
और कौन मुसाफिर मिलेंगे इस राह पे
कहीं उनकी भी कोई और मंजिल न हो जाए ...
दर्द
तुम दर्द से परिचय को तरसते
अगर
वो रोने और सिसकने के बहाने नही देता !!!
*********************************
अन्दर बाहर बड़ी घुटन है ...
क्षण यह जीना क्यूँ इतना कठिन है ...
अंगारों पे राख जमीं है
फ़िर भी तपिश क्यूँ लग रही है !!!
*********************************
अगर
वो रोने और सिसकने के बहाने नही देता !!!
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अन्दर बाहर बड़ी घुटन है ...
क्षण यह जीना क्यूँ इतना कठिन है ...
अंगारों पे राख जमीं है
फ़िर भी तपिश क्यूँ लग रही है !!!
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प्रकृति
चलो चलते हैं कहीं दूर
इस संसार से !!
जाना कहाँ है समझ नही आता
पर जाना है !!!
वो मंजिल जो पुकार रही है दूर से मुझे
वो नदिया, पहाड़ , झरने
प्रकृति
बुला रहे हैं मुझे अपने पास,
पता नही कब जाऊंगा ...
पर शायद चला जाऊंगा !!!
इस संसार से !!
जाना कहाँ है समझ नही आता
पर जाना है !!!
वो मंजिल जो पुकार रही है दूर से मुझे
वो नदिया, पहाड़ , झरने
प्रकृति
बुला रहे हैं मुझे अपने पास,
पता नही कब जाऊंगा ...
पर शायद चला जाऊंगा !!!
शुरूवात तो हुई !!!
Want to write a lot of things ..but sometimes got confused...what to write??
want to do something different,want to live a different life ...searching for the different dimensions of life...sometimes lost in myself...sometimes lost in the world..sometimes having a lot of words...sometimes there are no words to express ..But still..
लिखने की शुरुवात तो हो गई !!! Thats good :)
want to do something different,want to live a different life ...searching for the different dimensions of life...sometimes lost in myself...sometimes lost in the world..sometimes having a lot of words...sometimes there are no words to express ..But still..
लिखने की शुरुवात तो हो गई !!! Thats good :)
चलो चलें : संस्कृति गीत
चलो चलें कि एक नया
आसमान पुकार रहा है हमें
चलो चलें की सपने सारे
पुकार रहे हैं हमें
चलो चलें कि रास्ते सारे
पुकार रहे हैं हमें
चलो चलें कि मंजिलें सारी
निहार रही हैं हमे
चलो चलें कि मानवता सारी
देख रही है हमें
चलो चलें कि करुना ,दया के
सपनों को रखना है जिन्दा हमें
चलो चलें कि हार न जाए
मानवता इस संसार में
चलो चलें कि आशा का एक दीपक
साथ हमारे है इस राह में
चलो चलें एक नए आयाम की ओर
एक नए आसमान की ओर
चलो चलें !!!
Wednesday, August 12, 2009
sometimes ...
Sometimes i used to think whether civilization is something more than making and spending of money.What else a civilized man do ?? A man used to earn and spend the money for all of his life..Is this just the aim of life or something else ?? What s say ???
"Let me dream ...
Let me dream to fly...
Let me dream to learn...
Great future is waiting for me ...
n
calling me
come ...come..
come in the world that you want ...
Create a world that you want !!! "
आशा की किरण
अभी वक्त नही हुआ है
वक्त नही हुआ है हारने का
कल का सवेरा बाकि है
आशा की एक किरण बाकि है मेरे दोस्त
चलते जायेंगे मंजिल की ओर
बिना थके बिना डरे
निडर और सच्चे बन कर जीते रहेंगे क्योंकि
आशा की एक किरण बाकी है मेरे दोस्त
मत विचलित हो पथिक
इन कठिन दुर्गम राहों में
लायेगा कल का सूरज एक मधुर उजाला क्योंकि
आशा की एक किरण बाकि है मेरे दोस्त
चलते जाना इस जीवन की राह में
फूल ओर कांटें मिलेंगे दोनों इस राह में
पर काँटों से न डरना मेरे दोस्त क्योंकि
आशा की एक किरण बाकि है मेरे दोस्त ....
वक्त नही हुआ है हारने का
कल का सवेरा बाकि है
आशा की एक किरण बाकि है मेरे दोस्त
चलते जायेंगे मंजिल की ओर
बिना थके बिना डरे
निडर और सच्चे बन कर जीते रहेंगे क्योंकि
आशा की एक किरण बाकी है मेरे दोस्त
मत विचलित हो पथिक
इन कठिन दुर्गम राहों में
लायेगा कल का सूरज एक मधुर उजाला क्योंकि
आशा की एक किरण बाकि है मेरे दोस्त
चलते जाना इस जीवन की राह में
फूल ओर कांटें मिलेंगे दोनों इस राह में
पर काँटों से न डरना मेरे दोस्त क्योंकि
आशा की एक किरण बाकि है मेरे दोस्त ....
Tuesday, August 11, 2009
है विश्वास !!!
कभी हार न मानी है मैंने
हमेशा हराया ही है ,
इन परिस्थितियों को ,इस समाज की रुढिवादी दीवारों को
और आगे भी यही करूंगा
न हारूंगा और न ही हारने दूँगा ..
अपने इस मन को
जो कभी कभी चंचल हो जाता है,
हार जाता है इस दुनिया के सामने , परिस्थितयों के सामने
पर जानता हूँ
कुछ भी हो
रात कितनी भी काली हो ...एक तारा हमेशा ही चमकता रहता है ,
वैसा ही हूँ मैं
एक तारा जिसके मन में है विश्वास
और
और है साहस ,हिम्मत और अटूट आशाओं की लड़ियाँ
और चला जाऊंगा मंजिल की और
मुझे है विश्वास
है विश्वास
है विश्वास !!
हमेशा हराया ही है ,
इन परिस्थितियों को ,इस समाज की रुढिवादी दीवारों को
और आगे भी यही करूंगा
न हारूंगा और न ही हारने दूँगा ..
अपने इस मन को
जो कभी कभी चंचल हो जाता है,
हार जाता है इस दुनिया के सामने , परिस्थितयों के सामने
पर जानता हूँ
कुछ भी हो
रात कितनी भी काली हो ...एक तारा हमेशा ही चमकता रहता है ,
वैसा ही हूँ मैं
एक तारा जिसके मन में है विश्वास
और
और है साहस ,हिम्मत और अटूट आशाओं की लड़ियाँ
और चला जाऊंगा मंजिल की और
मुझे है विश्वास
है विश्वास
है विश्वास !!
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